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Madhya Pradesh Gazette, 2022-01-04, Extraordinary, Number 03 PDF

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Preview Madhya Pradesh Gazette, 2022-01-04, Extraordinary, Number 03

sexe इसेव ेबसाईट www.govtpressmp.nic.in से सत्यमेव शा भी डाउन लोड किया जा सकता है. प ् र द े श JMER य ् ध म मध्यप्रदेश राजपत्र ( असाधारण ) जयते प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 3] भोपाल , मंगलवार , दिनांक 4 जनवरी 2022 - पौष 14, शक 1943 विधि और विधायी कार्य विभाग भोपाल ,1 दिनांक 4 जनवरी 2022 क्र. 170-3 -इ क्कीस - अ- (प ्र.ा) . - मध्यप्रदेश विधान सभा का निम्नलिखित अधिनियम जिस पर दिनांक 3 जनवरी , 2022 को महामहिम राज्यपाल की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, एतद्द्वारा सर्वसाधारण की जानकारी के लिये प्रकाशित किया जाता है. मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार , 9 राजेश यादव , अतिरिक्त सचिव . 5 6 मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 44 जनवरी 2022 मध्यप्रदेश अधिनियम क्रमांक १ सन् २०२२ मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली अधिनियम , २०२१ विषय - सूची धाराएं : अध्याय - एक प्रारंभिक संक्षिप्त नाम , विस्तार और प्रारंभ. १ . परिभाषाएं . २. अध्याय - दो दावा याचिका प्रस्तुत करना ३ال .ه दावा याचिका प्रस्तुत करना . अध्याय - तीन दावा अधिकरण का गठन , कर्तव्य तथा शक्तियां ४ . दावा अधिकरण का गठन . ५ . दावा अधिकरण के कर्तव्य . अपनाई जाने वाली प्रक्रिया . ६ . ७ . सिविल न्यायालय की शक्ति . अध्याय - चार दावा याचिका की प्रक्रिया ८ . दावा याचिका प्रस्तुत करने हेतु समय -स ीमा तथा शुल्क . ९ . दावा याचिका में अंतर्विष्ट होगा. १० . दावा अधिकरण के समक्ष उपस्थित होना. ११ . दावा अधिकरण द्वारा आदेश . प्रतिकर की राशि पर ब्याज . १२ . १३ . संपत्ति को हुई क्षति की राशि के निर्धारण के संबंध मेंस िद्धांत तथा इसका दायित्व . १४ . अपील . १५ . भू- र ाजस्व के बकाए के रूप में धन की वसूली . १६ . सिविल न्यायालय की अधिकारिता का वर्जन . १७ . दाण्डिक कार्यवाही का वर्जन न होना. १८ . सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई का संरक्षण . अध्याय - पांच प्रकीर्ण १ ९ . नियम बनाने की शक्ति . २० . कठिनाइयां दूर करने की शक्ति . मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 4 जनवरी 2022 6 ( 1) मध्यप्रदेश अधिनियम क्रमांक १ सन् २०२२ मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली अधिनियम , २०२१ 1 1 [द िनांक ३ जनवरी , २०२२ को राज्यपाल की अनुमति प्राप्त हुई, अनुमति " मध्यप्रदेश राजपत्र ( असाधारण ) "म ेंद िनांक ४ जनवरी , २०२२ को प्रथम बार प्रकाशित की गई. ] लोक व्यवस्था की अशांति के दौरान संपत्तियों को पहुंचाए गए नुकसान की वसूली तथा किए गए नुकसान का निर्धारण करने तथा प्रतिकर अधिनिर्णीत करने हेतुद ावा अधिकरण का गठन करने तथा उससे संबंधित एवं उससे आनुषंगिक विषयों के लिए उपबंध करने हेतुअ धिनियम . भारत गणराज्य के बहत्तरवें वर्ष मेंम ध्यप्रदेश विधान -म ंडल द्वारा निम्नलिखित रूप मेंय ह अधिनियमित हो अध्याय - एक नाम , प्रारंभिक १. (१ ) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी संक्षिप्त की वसूली अधिनियम , २०२१ है. विस्तार और प्रारंभ . (२ ) इसका विस्तार संपूर्ण मध्यप्रदेश राज्य पर होगा. (३ ) यह मध्यप्रदेश राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होगा. परिभाषाएं . २. इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, (क ) "द ावा आयुक्त "स े अभिप्रेत है, धारा ५ की उपधारा (२ ) के अधीन इस प्रकार नियुक्त कोई व्यक्ति ; (ख ) "द ावा अधिकरण " से अभिप्रेत है, धारा ४ के अधीन गठित कोई दावा अधिकरण ; (ग ) " नुकसान पहुंचाने वाला कार्य "स े अभिप्रेत है, किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह , जो कि उक्त जमाव के भाग थे,> द्वारा सांप्रदायिक दंगा, हड़ताल , बंद, प्रदर्शन, जुलूस , यातायात का घेराव या कोई ऐसा जमाव जो किसी भी नाम से जाना जाता हो, के कारण किसी संपत्ति को कोई हानि या नुकसान पहुंचाने का कोई कार्य; " रिष्टि " का वही अर्थ है, जैसा कि भारतीय दण्ड संहिता (१ ८६० का ४५ ) की धारा ४२५ में (घ ) उसे समनुदेशित किया गया है; ( ङ) "स ंपत्ति "स े अभिप्रेत है,> किसी व्यक्ति., जिसमें सम्मिलित है,ं ( एक ) केन्द्र सरकार ; या (द ो ) राज्य सरकार ; या (त ीन ) कोई स्थानीय प्राधिकरण ; या ( चार ) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम , १९ ६ ० (क ्रमांक १७ सन् १९ ६ १ ) के अधीन रजिस्ट्रीकृत या रजिस्ट्रीकृत समझी गई कोई सहकारी सोसायटी ; या 6 ( 2 ) मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 4 जनवरी 2022 (प ांच ) कोई कम्पनी ; या ( छह ) किसी केन्द्रीय अथवा राज्य अधिनियम के अधीन गठित कोई कानूनी निकाय ; या ( सात ) कोई संस्था या उपक्रम ; के स्वामित्व की, > अथवा कब्जे में की या उसके नियंत्रण में की कोई जंगम या स्थावर संपत्ति. अध्याय - दो दावा याचिका प्रस्तुत करना दावा याचिका ३. (१ ) जहां सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान कारित किया गया है, वहां जिला मजिस्ट्रेट या सार्वजनिक संपत्ति प्रस्तुत करना . का भारसाधक अधिकारी उस तारीख से ३० दिवस के भीतर , जिसको कि दावा अधिकरण गठित किया गया है, दावा अधिकरण के समक्ष , प्रतिकर अधिनिर्णीत करने के लिए ऐसी रीति मेंज ैसी कि विहित की जाए, दावा याचिका प्रस्तुत करेगा . (२ ) जहां निजी संपत्ति को नुकसान कारित किया गया है, व हां वह व्यक्ति जो उक्त क्षतिग्रस्त संपत्ति का स्वामी है या उसके कब्जे में थी या उसके नियंत्रणाधीन थी, उस तारीख से ३० दिवस के भीतर, जिसको कि दावा अधिकरण गठित किया गया है, दावा अधिकरण के समक्ष प्रतिकर अधिनिर्णीत करने के लिए अपनी दावा याचिका , ऐसी रीति मे,ं जैसी कि विहित की जाए , प्रस्तुत कर सकेगा . अध्याय - तीन दावा अधिकरण का गठन , कर्तव्य तथा शक्तियां दावा अधिकरण का ४. (१ ) र ाज्य सरकार ,र ाजपत्र मेंअ धिसूचना द्वारा, स ंपत्ति को नुकसान के संबंध मे,ं प ्रतिकर हेतुद ावों के न्यायनिर्णयन गठन . केप ्रयोजन के लिए, ऐ सी कालावधि तथा ऐसे क्षेत्रक ेल िए, ज ैसी कि अधिसूचना मेंव िनिर्दिष्ट की जाए तथा इस अधिनियम के अधीन सौंपे गए कृत्यों के निर्वहन हेत,ु एक या अधिक दावा अधिकरण गठित करेगी. (२ ) दावा अधिकरण एक या अधिक सदस्यों से मिलकर गठित होगा जैसा कि राज्य सरकार नियुक्त करना उचित समझे और जहां इसके दो या अधिक सदस्य हों, वहां उनमें से एक को उसके अध्यक्ष के रूप मेंन ियुक्त किया जाएगा . (३ ) कोई व्यक्ति दावा अधिकरण मेंन ियुक्त होने के लिए तब तक अर्हित नहीं होगा, जब तक कि वह, (क ) हसेोवा ;न यिवाृत ्त जिला न्यायाधीश, जिसने जिला न्यायाधीश के रूप में ५ वर्ष या अधिक की सेवा न की अधिकारी जिसने राज्य सरकार के सचिव से अनिम्न श्रेणी का पद धारण न किया हो या समकक्ष (ख ) अधिकारी . (४ ) जहां किसी क्षेत्र के लिए दो या अधिक दावा अधिकरण गठित किए गए है,ं वहां राज्य सरकार सामान्य या विशेष आदेश द्वारा उनके बीच कारबार का वितरण अवधारित कर सकेगी . दावा अधिकरण के ५. (१ ) दावा अधिकरण का यह कर्तव्य होगा कि संपत्ति को कारित नुकसान अवधारित करे तथा उसका उचित कर्तव्य . प्रतिकर अधिनिर्णीत करे . (२ ) दावा अधिकरण , यदि वह ठीक समझे, जांच करने मेंउ सकी सहायता के लिए, कोई दावा आयुक्त को ऐसी रीति में जैसी कि विहित की जाए , नियुक्त कर सकेगा . मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 4 जनवरी 2022 के उपबं(६ध३. ों ) ( क१ दाा) व अादन ाुअवपधाा िलअकनधर िणककर ,रेग णऐा .स ीप द् ारपवा्कारृक ्तपरि्िकयर ाध निक्कयारा णयप काकेलोन स अिदकप्रधनाेींगत ा ,क ता थरज्ाैयस वइीाह सिकय ोिअं धवकििोनहि िवयति मन किीतयथम िजात ा उएकस. रक नेे अजिधसीमनें बस्नथााएन औगएर नअियपमनोीं पअ्परकन्रािईया. ज 6ान े( व3 ा )ल ी बैठकों क(ा२ ) स दमायव ा नअिधयित ककररणन ाप ्सरतम््येमकि लदिातव ा हआै,व ेकदीन शकक्ात, ि ऐहसोागी . आ वेदन प्रस्तुत किए जाने की तारीख से यथा संभव तीन मास के( ३ भी )त इर सव िअनधििशन्िचयय मक रकेेग ाअ. ध ीन दावा अधिकरण की कार्यवाहियां यथासंभव दिन प्रतिदिन के आधार पर अपने निष्कर्ष तलेकन े जकाेर७ पी.् रदरहयाेोवंजागनी . अह ेधति,ु क सराकण्ष ियकोों कसीि वहिालजि रप्ीर कक्रोिया स सुंनहििशत्ाच,ि त १क९ र० न८े, ( दस१ ्९त ा० वे८ज ोकं ात थ५ा ) स ाकरेव ाअनध ीवनस् तसुमओंन क केर पन्ेर, क टशीपकथरण पतरथ साा कप्षे्शय सकिीव शिकल् तनि.् य ायालय कहरोंागनीे औहेरतु बदााधव्ाय कअरधनिेक औरणर ऐदसण्ेड अ पन््रकय् रपि्यार यसोंजहनि तका,े ल १ि९ ए७ ३ज ैस(ा १ क९ ि७ ४व िकहाि त२ क) ि यकाी जधााएर,ा स१ि९ व५ ि लऔ रन् यअाधय्ायलायय क XीX सVमIस् तक ेशक स्तमिसय्ातं 2 प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय समझा जाएगा . - अध्याय - चार ८. प्रतिकर के लिए प्रत्येक दावाद यााचविाक ाय दााचवाि अकधाि ककरणी कपे् गरकठ्नर िसयाे ३० दिवस के भीतर प्रस्तुत की जाएगी, दावा जब तक कि विस्तार के कारण लिखित में कथित न किए जाएं और दावा अधिकरण द्वारा अनुमति न दी जाए. याचिका न ु क स ा न९ प. ह दुंाचवाान ेय ाव चा िल ेक ाक ापर््रयस ्तकुता क उरदन्ेद ावपानल ाक वि्ययाक् तहि,ै उ उनक वस्ायकय्ाति यहोंै क य ोा, क जािरन्िहतों नके िउय सा क हीै, पज ्ारतन्यकरा्थरी ीक मेे ंर अू धप ि मनेिंस यमम् मकि लेि अत धीक नर शसुपल्म्रकयस ्. तु -तस कीरमान े औहरेत ु १०. दावा अधिकरण मामले की सुनवाई के दौरान किसी पक्षकार को किसी विधि व्यवसायी के माध्यम से उपस्थित अदंदताार्वववाािष ्अटयध ाहिोचगकिारक .ाण कमेें सकेगा . ११. (१ ) दावा अधिकरण आदेश पारित करते समय , विरचित विवाधक के लिए निष्कर्ष और ऐसे निष्कर्ष के दावा अधिकरण होने हेतु अनुज्ञात कर सकेगा. लतखैिणयए्ाडर क का(ररगेण गो) ां मकऔेोंरउ ल अ्ऐभलसििालख ििपतख् रितसतिम कूरकह रउ ेमनगेां न व औ्ुयककर्सत ािनभयोु ंगप हतदु्ांवनाच रा,ाकन ेि स ंवएया ुलजके्ात नक ेार रवू्ापयल कसे ेाप ् अउरथदत्िवकदारा पकनअी लक रगिाय श-ाि अहकलै,ोग उ व किदनसेिारय्य दहिाोष ्गटहा ,ैक रय जतिाने् क हहोाुंरनएिे तअध धाकिरिनािय रा२् ण हकयै े: समक्ष उपस्थिति . द्वारा आदेश. 2 परन्तु राज्य सरकार प्रतिमकेरं की राशि को अवधारित करने के लिए नियम विहित कर सकेगी : परन्तु यह और कि दावा अधिकरण ऐसे कारणों से जो अभिलिखित किए जाएं, अधिनिर्णय कर सकेगा, जिसमें संदत्त किए जाने योग्य प्रतिकर दुगना तक हो. 6 (4 ) मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 4 जनवरी 2022 (२ ) जहां उपधारा (१ ) के अधीन दो या अधिक व्यक्तियों को प्रतिकर अधिनिर्णीत किया जाए ,व हां दावा अधिकरण उनमें से प्रत्येक के लिए संदेय राशि को भी विनिर्दिष्ट करेगा. (३ ) दावा अधिकरण , प्रतिकर हेतु दावे का निराकरण करते समय कार्यवाही मेंउ पगत खर्चे तथा व्ययों से संबंधित ऐसा आदेश कर सकेगा, जैसा कि वह समुचित समझे. १२. जहां कोई दावा अधिकरण , इस अधिनियम के अधीन प्रतिकर हेतु किए गए किसी दावे को अनुमति देता पप्रर तबि्कयरा ज .क ी राशि है वहां ऐसा अधिकरण यह निदेश दे सकेगा कि प्रतिकर की राशि के अतिरिक्त साधारण ब्याज का भी,? ऐसी दर से तथा ऐसी तारीख से, जो दावा किए जाने की तारीख से पूर्व की न हो, जैसा कि वह इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, भुगतान किया जाए . संपत्ति को हुई क्षति १३. (१ ) आत्यंतिक दायित्व का सिद्धांत तब लागू होगा जब घटना का संबंध जिसके कारण क्षति हुई हो, स्थापित की राशि के हो जाता है. निर्धारण के संबंध में सिद्धांत तथा (२ ) दायित्व का वहन उन व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा जिन्होंने नुकसान पहुंचाने वाले कार्य का उद्दापन किया है, उकसाया है या कारित किया है, जिससे कि उत्पन्न दायित्व , का साझा ऐसे किया जाएगा जैसा कि दावा अधिकरण इसका दायित्व . द्वारा अंतिम रूप से अवधारित किया जाए . १४. दावा अधिकरण द्वारा पारित किसी अधिनिर्णय के विरुद्ध अपील , ऐसे अधिनिर्णय के ९० दिवस के भीतर अपील . उच्च न्यायालय के समक्ष की जाएगी . १५. जहां किसी अधिनिर्णय के अधीन किसी व्यक्ति से शोध्य कोई राशि ऐसे अधिनिर्णय के १५ दिवस के भीतर भू - राजस्व के जमा नहीं की जाती है, वहां दावा अधिकरण , कलक्टर को उस राशि हेतु प्रमाण -प त्र जारी करेगा जो उसकी वसूली बकाया के रूप में राशि की वसूली. भू- र ाजस्व के बकाया के रूप में करेगा. १६. जहां किसी क्षेत्रक े लिए कोई दावा अधिकरण गठित किया गया है, वहां किसी सिविल न्यायालय को प्रतिकर सिविल न्यायालय के लिए किसी दावे के संबंध में कोई प्रश्न ग्रहण करने की अधिकारिता नहीं होगी, जिसका कि न्यायनिर्णयन उस क्षेत्र की अधिकारिता का के दावा अधिकरण द्वारा किया जाना हो और प्रतिकर हेतु दावे के संबंध मेंद ावा अधिकरण द्वारा या उसके समक्ष की वर्जन . गई अथवा की जाने वाली किसी कार्रवाई के संबंध में कोई व्यादेश सिविल न्यायालय द्वारा नहीं दिया जाएगा . १७. नुकसान पहुंचाने वाले कार्य से संबंधित दावा याचिका की कार्यवाहियां यदि कोई हो,ं दाण्डिक कार्यवाहियों , सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई का द्वारा वर्जित नहीं होंगी. संरक्षण . १८. इस अधिनियम तथा इसके अधीन बनाए गए नियमों के अनुसरण में सद्भावपूर्वक की गई या किए जाने दाण्डिक के लिए आशयित किसी बात के लिए किसी प्राधिकृत व्यक्ति के विरुद्ध कोई वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्रवाई, कार्यवाहियों का वर्जन न होना, नहीं होगी . अध्याय - पांच प्रकीर्ण १९ . (१ ) राज्य सरकार , राजपत्र में अधिसूचना द्वार,ा इस अधिनियम के उपबंधों को क्रियान्वित करने के लिए नियम बनाने की शक्ति . नियम बना सकेगी . (२ ) इस अधिनियम के अधीन राज्य सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, उसके बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र विधान सभा के समक्ष रखा जाएगा . २०. (१ ) यदि इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उद्भूत होती है>, त ो राज्य सरकार , कठिनाइयां दूर करने राजपत्र में प्रकाशित किसी आदेश द्वारा, इस अधिनियम के उपबंधों से अनअसंगत , कोई भी बात कर सकेगी, जो उसे की शक्ति . 2 कठिनाई दूर करने के प्रयोजन के लिए आवश्यक या समीचीन प्रतीत हो: मध्यप्रदेश राजपत्र, दिनांक 4 जनवरी 2022 6 (5 ) परन्तु ऐसा आदेश इस अधिनियम के प्रारंभ होने की तारीख से दो वर्ष की कालावधि के समाप्त होने के पश्चात् नहीं किया जाएगा . (२ ) उपधारा (१ ) के अधीन किया गया प्रत्येक आदेश , उसके बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र राज्य विधान -म ण्डल के समक्ष रखा जाएगा . भोपाल , दिनांक 4 जनवरी 2022 क्र. 170-3 -इ क्कीस - अ- (प ्र.ा) . - भारत के संविधान के अनुच्छेद 348 के खण्ड (3 ) के अनुसरण में मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली अधिनियम , 2021 (क ्रमांक 1 सन् 2022 ) का अंग्रेजी अनुवाद राज्यपाल के प्राधिकार से एतद्द्वारा प्रकाशित किया जाता है. मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार , राजेश यादव , अतिरिक्त सचिव . MADHYA PRADESH ACT No. 1 OF 2022 THE MADHYA PRADESH LOK EVAM NIJI SAMPATTI KO NUKSAAN KA NIVARAN EVAM NUKSAANI KI VASULI ADHINIYAM , 2021 . TABLE OF CONTENTS Sections : CHAPTER - I PRELIMINARY 1 . Short title , extent and commencement . 2 . Definitions . CHAPTER - II FILING OF CLAIM PETITION 3 . Filing of claim petition . CHAPTER - III CONSTITUTION , DUTIES AND POWERS OF CLAMIMS TRIBUNAL 4 . Constitution of Claims Tribunal . 5 . Duties of Claims Tribunal . 6 . Procedure to be adopted . 7 . Power of Civil Court . CHAPTER - IV PROCEDURE OF CLAIM PETITION 8 . Time limit for filing of claim petition and fees . 9 . Claim petition consists of. 10 . Appearance before Claims Tribunal . 11 . Order by Claims Tribunal . 12 . Interest on the amount of compensation . 13 . Principals relating to assess the amount of damage to property and its liability . 14 . Appeal . 15 . Recovery of money as an arrear of land revenue . 16 . Bar on jurisdiction of Civil Court . 17 . No bar on criminal proceeding . 18 . Protection of action taken in good faith . CHAPTER - V MISCELLANEOUS 19 . Power to make rules . 20 . Power to remove difficulties . 6 ( 6 ) मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 4 जनवरी 2022 MADHYA PRADESH ACT THE MADHYA PRADESH LOK EVANMo . N1I JIO F S2A0M22P ATTI KO NUKSAAN KA NIVARAN [R eceived the assent of tEheV GAoMve rnoNrU KonS tAhAe N3rId JaKnuIa ryV ,A 2S0U22L ;I a sseAnDt HfiIrsNt IpuYblAiMsh ed ,i 2n0 t2h1e ."M adhya Pradesh Gazette An Ac(tE x ttrao -po rrdoivnairdy e) " , f doart edr etchoev 4etrhy J anoufa rdy a, m20a2g2e. s] caused to properties during disturbances to public oarwdaerrd acnodm pefonrs actoinosnt ittuhteiroeno f oafn Cdl afiomrs m aTtrtiebrusn aclo nnteoc taesds estsh etrheew itdha moarg eisn cicdaeuntsaeld tahenrde tot o. Be it enacted by the Madhya Pradesh Legislature in the seventy -s econd year of the Republic of India as follows : CHAPTER - I PRELIMINARY 1. (1 ) This Act may be called the Madhya Pradesh Lok Evam Niji Sampatti Ko Nuksaan Short title , extent and Ka Nivaran Evam Nuksaani Ki Vasuli Adhiniyam , 2021 . commencement . (2 ) It shall extend to the whole of the State of Madhya Pradesh . (3 ) It shall come into force from the date of its publication in the Madhya Pradesh Gazette . Definitions . 2. In this Act , unless the context otherwise requires -, > a person so appointed under sub -s ection (2 ) of (a ) “C laims Commissioner " means Section 5 ; (b ) “C laims Tribunal ” means a Claims Tribunal constituted under section 4 ; (c ) "d amaging act” means an act which causes loss for or damage of any property due to communal riot , hartal , bandh , demonstration , procession , blockade of traffic or any such assembly known by any name and such act is committed by an individual or group of individuals who were part of the said assembly ; (d ) “m ischief ” shall have the same meaning assigned to it in Section 425 of the India Penal Code (n o . 45 of 1860 ); (e ) "p roperty " means any property , movable or immovable , owned by , or in possession of or under the control of, any person , including (i ) the Central Government ; or (i i) the State Government , or ((ii ivi)) aannyy lCocoa l- o pauetrhaotriivtey ;s oorc iety registered or deemed to be registered under the Madhya Pradesh Co -o perative Societies Act , 1960 (N o. 17 of 1961 ); or (v ) any company ; or (v i) any statutory body consituted under any Central or State Act ; or (v ii) any institution or undertaking . मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 4 जनवरी 2022 6 (7 ) CHAPTER II FILING OF CLAIM PETITION 3. (1 ) Where the damage has been caused to a public property the District Magistrate or the officer in charge of the public property shall file claim petition in such manner as may be petition . prescribed , before the Claims Tribunal for award of compensation within 30 days from the date Filing of claim on which the Claims Tribunal is constituted . mwaansn eir(n2 ) pao ss sWmehasesyri eob n et ohperr edswcaarmsia bgeiden ,c hofanotsrr oablwe eaonrf d csaoauifsd e cdod mapmteoan gsaea dtp iroipvnra otpebe erfptoryro ep emratthyye Cftilhlaee i mpcselr asiTomrn i bpuewnthiaotli onow witnihnei dns uc3oh0r days from the date on which the Claim Tribunal is constituted . CONSTITUTION , DUTIES CAHNADP TEPRO WE- RISII OF CLAIMS TRIBUNAL 4. (1 ) The State Government shall , by notification in the Gazette , constitute one or more Claims Tribunal for such period and such area as may be specified in the notification for the Constitution of purpose of adjudicating claims for compensation in respect of damages to property and to perform Claims Tribunal . functions assigned to it under this Act . may t(h2 i) n k Tahpepr oCplraiiatmes tTori baupnpaoli nts haalnld cownhseirset oift coonnesi sotrs moofr et wmoe mobre mrosr ea sm tehmeb eSrtsat ,e oGnoev eorfn mtehnetm shall b(e3 ) a ppAoi npteerds ona ss htahlel Cnhoati rbpee rqsuaolni fitehde rfeoofr .a ppointment to Claims Tribunal unless he has been a retired District Judge who had served as a District Judge for 5 years or more ; or (a ) (b ) an officer who has held a post not below the rank of Secretary of the State Government or an equivalent officer . (4 ) Where two or more claims Tribunals are constituted for any area , the State Government may , by general or special order , determine the distribution of business among them . 5. (1 ) It, shall be the duty of the Claims Tribunal to determine the damages caused to Duties of Claims property and award suitable compensation for the same . Tribunal . (2 ) The Claims Tribunal may , if it thinks fit, appoint a claims Commissioner in such manner as may be prescribed to assist it in holding the enquiry . (3 ) The claims Tribunal shall follow such procedure as may be prescribed . 6. (1 ) The Claims Tribunal shall observe the principles of natural justice and the provisions of this Act and rules made thereunder . The Claims Tribunal shall have power to regulate its Padroopcteeddu r.e to be proceedings including the fixing of places and times of its sitting . (2 ) The Claims Tribunal shall decide every claim application as far as possible within three months from the date of submission of such application . 6 (8 ) मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 4 जनवरी 2022 The proceedings of Claims Tribunal under this Act shall as far as possible be continued (3 ) on a day -t o- d ay basis till its conclusion . 7. The claims Tribunal shall have all the powers of a Civil Court under the Code of Civil PCoouwretr . of Civil Ptrhoec eadttuerned ,an 1c9e0 8o f(N woi.t h5es osefs 1,9 c0o8m )p eflolri tnhge ptuhrep odsiesc oovfe rsyu mamnodn ipnrgo d,u cttaikionng oefv iddoecnucem enotns oaatnhd , emnastuerriinagl objects and for such other purposes as may be prescribed ; and the Claims Tribunal shall be deemed to be a Civil Court for all the purposes of Section 195 and Chapter XXVI of the Code of Criminal Procedure , 1973 (2 of 1974 ). CHAPTER - IV 8. Every claim petitioPnR OfoCr EcDomUpRenEs atOioFn CsLhaAlIl Mb e PfEilTedI TwIiOthNi n 30 days of the constitution Time limit for of Claims Tribunal unless for reasons of extention be stated in writing and the Claims Tribunal filing of claim petition and fees . grants permission . 9. The person filing the claim petition may include as respondents , the persons who in his Ccolnasiismt ofp .e tition knowledge had exhorted , instigated or committed damaging act under this Act . 10. The Claims Tribunal may allow any party to appear through a legal practitioner during Appearance before Claims hearing of the case . Tribunal . 11. (1 ) The Claims Tribunal , in passing order , shall record the finding on the issues framed Order by Claims and the reasons for such finding and make an award , specifying the amount of compensation to Tribunal . be paid and such compensation shall be payable , jointly or severally , by the persons who had exhorted , instigated or committed the damaging act in the assembly mentioned in clause (c ) of Section 2 : Provided that the State Government may prescribe the rules for determining the amount of compensation : Provided further that the claims Tribunal may , for reasons to be recorded , make an award up to double the compensation liable to be paid . (2 ) Where compensation is awarded to two or more persons under sub -s ection (1 ) , the Claims Tribunal shall also specify the amount payable to each of them . (3 ) The claims Tribunal may , while disposing of the claim for compensation , make such orders regarding costs and expenses incurred in the proceeding as it considers appropriate . 12. Where any Claims Tribunal allows a claim for compensation made under this Act , such Interest on the Tribunal may direct , that in addition to the amount of the compensation , simple interest shall also amount of be paid at such rate and from such date not earlier than the date of making the claim as it may compensation . specify in this behalf . 13. (1 ) The principles of absolute liability shall apply once the nexus with the event that Principles relating to assess precipitated the damage is established . the amount of dpraompaegrety and ittos the da(m2 a) g inTgh e alcita bgiliivtiyn gw ilrli seb et ob otrhnee lbiayb iltihtey pteors obnes shwahroed h,a avse feixnhaolrlyt edd e,t ienrsmtiingeadle d byor tchoem mCiltatiemds liability . Tribunal . 14. An appeal against an award passed by the Claims Tribunal shall lie before the High Appeal . Court within 90 days of such award .

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