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Extraordinary Gazette of India, 1997-01-10, Extra Ordinary PDF

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A . 4 A . रजिस्ट्री संडीएल० - 33004/ 96 Efir.. . .N . P.। . .. । REGD . NO . D . L .- 33004/ 96 " I , . . सत्यमेव जयते भारतको राजपत्र The Gazette of India असाधारण EXTRAORDINARY भाग - खण्ड 3 -- उप - खंड ( i ) PART II - Section 3 - Sub - section (i) । प्राधिकार से प्रकाशित PUBLISHED BY AUTHORITY सं . १ ] नई दिल्ली , शुक्रवार , जनवरी 10 , 1997 / पौष 20, 1918 No. 9 ] NEW DELHI, FRIDAY, JANUARY 10 , 1997/PAUSA 20 , 1918 उद्योग मंत्रालय ( लघु उद्योग तथा कृषि एवं ग्रामीण उद्योग विभाग ) अधिसूचना नई दिल्ली, 10 जनवरी, 1997 सा. का. नि . 9 ( अ ). - केन्द्रीय सरकार, खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम , 1956 ( 1956 का 61 ) की धारा 26 की उपधारा ( 1 ) और उपधारा ( 2 ) के खंड ( छ ) के उपबंधों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, खादी ग्रामोद्योग आयोग ऋण नियम , 1958 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है , अर्थात : 1. इन नियमों का संक्षिप्त नाम खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग ऋण ( संशोधन ) नियम , 1997 है । 2. ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे । 2. खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग, ऋण नियम , 1958 के नियम ३ के खंड (iv ) के स्थान पर निम्नलिखित खंड रखा जाएगा, अर्थात् : " उधार लेने वाले " से ( क ) कोई राज्य सरकार, ( ख ) खादी और/ या ग्रामोद्योग के विकास के लिए तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन स्थापित कोई बोर्ड , ( ग ) सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 ( 1860 का 21 ) या किसी राज्य में सत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन रजिस्ट्रीकरण कोई सोसाइटी , ( घ ) सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1912 ( 1912 का 2 ) या किसी राज्य में तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई सहकारी सोसाइटी , ( ङ) तत्समय प्रवृत्त किसी राज्य विधि के अधीन स्थापित कोई ग्राम या ग्राम पंचायत, कोई पंचायत समिति , कोई नगरपालिका, कोई जिला परिषद या कोई समरूप निकाय, ( च ) तत्समय प्रवृत्त किसीविधि के अधीन स्थापित भूदान या ग्रामदान से संबंधित कोई प्राधिकरण , ( छ ) पूर्त या धार्मिक प्रकृति के लोक प्रयोजन के लिए सृजिस कोई न्यास ( ज ) किसी भी मामले में व्यष्टि की दशा में 5,000 रुपये और संस्था की दशा में 50 ,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए, की शर्त के अधीन रहते हुए, खादी और ग्रामोद्योगों के अनुसंधान में संलग्न कोई व्यष्टि या संस्था तथापि किसी व्यष्टि के . लिए 5,000 रुपये की और किसी संस्था के लिए 50, 000 रुपये की सीमा सरकार के पूर्व अनुमोदन से बढ़ायी जा सकेगी, ( झ ) कंपनी अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत और केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के सारभूत स्वामित्व या नियंत्रणाधीन कोई कंपनी, ( अ ) राज्य वित्तीय निगम अधिनियम , 1951 के अधीन किसी राज्य में विकास बैंक के कृत्यों को करने के लिए अभिहित कोई राज्य वित्तीय निगम या कोई अन्य संगठन , ( ट ) अनुमोदित पैटर्न और आयोग द्वारा सरकार को संसूचित सीमा के अधीन कोई अन्य व्यष्टिक प्राधिकरण या निकाय अभिप्रेत है । 78 G1 / 97 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [ Part II— Sec. 3 (1)] टिप्पण : -- व्यष्टि से कोई ऐसा कारीगर या कोई अन्य कर्मकार अभिप्रेत है जो आयोग के कार्य क्षेत्र में आने वाले क्रियाकलाप जिनके लिए ऋणदिया जाता # tatti ( 941. . 3 ( 1 ) 96 -2 . . 3475.- 1 ] ब्रह्मदत्त, संयुक्त सचिव MINISTRY OF INDUSTRY (Department of Small Scale Industries & Agro and Rural Industries ) NOTIFICATION New Delhi, the 10th January , 1997 G .S . R . 9 (E ). — In exercise of powers conferred under the provisions of Sub -section ( 1) and clause (y ) of Sub -section (2 ) of section 26 of the Khadi and Village Industries Commission Act, 1956 (61 of 1956 ). The Central Government hereby makes the following rules further to amend the Khadi and Village Industries Commission Loan Rules, 1958, namely : 1. These rules may be called the Khadi and Village Industries Commission loans (Amendment) Rules, 1997 . 2 . They shall come into force on the date of their publication in the OfficialGazette . 2 . In Khadi and Village Industries Commission Loan Rules, 1958 , in rule 3, for clause ( iv ), the following clause shall he substituted , namely : " Borrower " means (a ) a State Government ; (b ) a Board established under any law for the time being in force for the development of khadi and /or village industries; (c) a society registered under the Societies Registra tion Act, 1860 (21 of 1860) or under any other law for the time being in force in any State ; (d ) a co -operative society registered under the Co-operative Societies Act 1912 (2 of 1912 ) or under any law for the time being in force in any State; (e) a grain or village panchayat, a panchayat samiti, a musicipality, a zilla parishad or any similar body established under any State law for the time being in force ; (f) an authority set up under any law for the time being in force relating to bhoodan or gramdan ; (g ) a trust created for public purposes of a charitable or religious nature ; (h ) an individual or institution engaged in research in khadi and village indus tries subject to the condition that a loan to an individual should not exceed Rs. 5 ,000 in any case and to an institution , it should not exceed Rs. 50 ,000 in any one case . ( The ceiling of Rs. 5 ,000 for an individual and of Rs. 50 ,000 for an institution may ,however, be exceeded with the prior approval of the Government); (i) any company registered under the Companies Act and substantially owned and controlled by the CentralGover ment or a State Government; (i) a State financial corporation or any other organisation designated to perform the functions of the development bank in a State under the State Financial Corporations Act, 1951; (k ) any other individual authority or body in accordance with the approved pattern and within the ceiling communi cated by the Commission to the Government. Note :-- Individualmeans an artisan or any other worker undertaking activities falling under the purview of the Commission and for which loans are given . [ F . No. 3 ( 1)/96 -KVI-1 ] BRAHMDUTT , Jt, Şecy . Printed by the Manager, Govt. of India Press, Ring Road , Mayapuri, New Delhi- 110064 and Published by the Controller of Publications, Delhi- 110054 — 1997

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